प्रधानमंत्री एवं परिषद || संविधान क्या कहता है
◼ संविधान के अनुच्छेद 74 के अनुसार राष्ट्रपति को उसके कार्यों के संपादन व सलाह देने हेतु एक मंत्रीपरिषद होती है, जिसका प्रधान प्रधानमंत्री होता है।
◼ संविधान के अनुच्छेद 75 के अनुसार प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर करेगा
3. मंत्रिपरिषद का सदस्य बनने के लिए वैधानिक दृष्टि से यह आवश्यक है कि व्यक्ति संसद के किसी सदन का सदस्य हो, यदि व्यक्ति मंत्री बनते समय संसद-सदस्य नहीं हो, तो उसे 6 महीने के अंदर संसद सदस्य बनना अनिवार्य है नहीं तो उसे अपना पद छोड़ना होगा
◼ पद ग्रहण से पूर्व प्रधानमंत्री सहित प्रत्येक मंत्री को राष्ट्रपति के सामने पद और गोपनीयता की शपथ लेनी होती है।
◼ सभी मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और उपमन्त्रियों को नि:शुल्क निवास स्थान तथा अन्य सुविधाएं प्राप्त होती है।
◼ मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोक सभा के प्रति उत्तरदायी होती है।
◼ यदि लोक सभा किसी एक मंत्री के विरुद्ध अविश्वास का प्रस्ताव पारित करे अथवा उस विभाग से सम्बंधित विधेयक को रद्द कर दे, तो समस्त मंत्रिमंडल को त्यागपत्र देना होता है।
◼ मंत्री तीन प्रकार के होते है- कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री एवं उपमंत्री. कैबिनेट मंत्री विभाग के अध्यक्ष होते हैं. प्रधानमंत्री एवं कैबिनेट मंत्री को मिलाकर मंत्रिमंडल का निर्माण होता है।
◼ प्रधानमंत्री की सलाह पर ही राष्ट्रपति लोक सभा भंग करता है।
◼ प्रधानमंत्री योजना आयोग का पदेन अध्यक्ष होता है।
◼ प्रधानमंत्रियों में सबसे बड़ा कार्यकाल प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का रहा. वे कुल 16 साल 9 महीने और 13 दिन तक अपने पद पर रहे
◼ देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बनी. वे ऐसी पहली व्यक्ति रही जो दो अलग-अलग अवधियों में प्रधानमंत्री रहीं
◼ पहली बार जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी तो वह राज्य सभा की सदस्य थीं
◼ चरण सिंह एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री रहे, जो कभी लोकसभा में उपस्थित नहीं हुए
◼ विश्वास मत प्राप्त करने में असफल होने वाले पहले प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह हुए
◼कैबिनेट मंत्रियों में सबसे बड़ा कार्यकाल जगजीवन राम का रहा, जो लगभग 32 वर्ष तक केंद्रीय मंत्रिमंडल में रहे.
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