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 History of bird flu

                       

Bird Flu Total History

  There are 15 types of bird flu viruses.  The virus that targets humans is named H5N1.

 Birds moving from one place to another carry this virus with them, due to which it can spread rapidly anywhere.

 This virus is easily caught by chickens like domestic birds

 How does bird flu hunt humans?

 It was previously thought that bird flu is a disease caused only by birds, but the first time a person with H5N1 virus was detected in Hong Kong in 1997.

 Scientific logic =

 Scientists believe that only those people who live or work very close to the infected chickens or some other birds can be victim of this virus.

 This disease can spread to humans through secretions from birds’ feces, saliva, nose-mouth or eyes.

 All symptoms of bird flu are just like a minor flu i.e. sore throat, cough and cold and eyes can also swell.

 Is there any treatment for bird flu?

 Its patients may be given anti-viral medications such as tamiflu.  Scientists are trying to make a vaccine to stop it.

 At the same time, according to WHO report, the death rate due to H5N1 is about 60 percent, which is more than corona virus.

  Caution is the only defense

  After buying from the shops, while washing it, definitely wear gloves on hands and mouth.

 Raw meat or egg can also infect a human being.  According to doctors, if cooked well, there is no danger in eating chicken and eggs.

 Cook the chicken at a temperature of around 100 ° C.

 Do not make the mistake of eating raw meat or eggs.

 According to health experts, this virus is sensitive to heat and perishes in the cooking temperature.

 Bird flu onset in India =

 Bird flu virus spread in India for the first time in 2004.  Since then, bird flu has occurred in the country 24 times.  The last time a large number of birds died in 2016 was due to bird flu in Delhi, Kerala, Punjab and Madhya Pradesh.  So far, about 83 lakh birds have died of this disease in the country.

 Most bird flu is spread through direct contact with birds suffering from the disease.  For example, after the birds of the domestic poultry farm are infected, the chances of its spread among humans increases greatly.

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बर्ड फ़्लू का इतिहास

बर्ड फ़्लू के वायरस 15 प्रकार के होते हैं. जो वायरस इंसानों को अपना निशाना बनाता है उसका नाम H5N1 है.

एक स्थान से दूसरी स्थान को जाने वाले पक्षी  इस वायरस को अपने साथ ले जाती हैं जिस कारण यह तेजी से कहीं पर भी फैल सकता है

घरेलू पक्षियों जैसे मुर्ग़ियों को यह वायरस बड़ी आसानी से पकड़ लेता है
बर्ड फ़्लू इंसान को किस प्रकार से शिकार बनाता है?

पहले यही समझा जाता था कि बर्ड फ़्लू सिर्फ़ पक्षियों को होने वाली बीमारी है, लेकिन हाँगकाँग में पहली बार एक व्यक्ति में H5N1 वायरस का लक्षण 1997 में पाया गया था
वैज्ञानिक तर्क=
वैज्ञानिकों का मानना है कि वे लोग ही इस वायरस का शिकार हो सकते हैं जो संक्रमित मुर्गियों या कुछ अन्य पक्षियों के बहुत नज़दीक रहते हैं या काम करते है.

पक्षियों के मल, लार, नाक-मुंह या आंख से स्राव के माध्यम से ये बीमारी इंसानों में फैल सकती है.

बर्ड फ़्लू के सारे लक्षण किसी मामूली फ्लू की ही तरह होते हैं यानी गले में दर्द, खाँसी और ज़ुकाम तथा आँखें भी सूज सकती हैं
 बर्ड फ़्लू का कोई इलाज है?

इसके रोगियों को वायरस रोधी दवाएँ जैसे टैमिफ़्लू दी जा सकती हैं. वैज्ञानिक इसे रोकने के लिए टीका बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं.
 वहीं, WHO की रिपोर्ट की मानें तो H5N1 के कारण मृत्यु दर लगभग 60 प्रतिशत है,जो कोरोना वायरस से भी ज्यादा है.
सावधानी ही बचाव है=
दुकानों से  खरीदने के बाद उसे धोते वक्त हाथों पर ग्लव्स और मुंह पर मास्क जरूर पहनें.
कच्चा मांस या अंडा भी किसी इंसान को संक्रमित कर सकता है. डॉक्टरों के मुताबिक, यदि अच्छी तरह से पकाया जाए तो चिकन और अंडे खाने में खतरा नहीं है.
चिकन को लगभग 100 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर पकाएं।
कच्चा मांस या अंडा खाने की गलती न करें।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, यह वायरस गर्मी के प्रति संवेदनशील है और खाना पकाने के तापमान में नष्ट हो जाते हैं

भारत में  बर्ड फ़्लू शुरुआत=
भारत में पहली बार 2004 में बर्ड फ्लू वायरस फैला था. तब से लेकर अब तक देश में 24 बार बर्ड फ्लू आ चुका है. आखिरी बार साल 2016 में बर्ड फ्लू से बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत दिल्ली, केरल पंजाब और मध्य प्रदेश में हुई थी. देश में अब तक करीब 83 लाख पक्षियों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है. 
ज्यादातर बर्ड फ्लू बीमारी से ग्रस्त पक्षियों के साथ सीधे संपर्क में आने से फैलता है. जैसे डोमेस्टिक पोल्ट्री फार्म के पक्षियों के संक्रमित होने के बाद इंसान के बीच इसके फैलने की संभावना काफी बढ़ जाती है.

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