मन की बातें मत सुनना,Man ki Baaten Mat Sunna,#मन को कैसे नियंत्रण करे#How Control Our Mind#MindGame#Maan ki Baat#मन की बात#मन की बातें मत सुनना ,जीते जी मनवा देगा
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मन की बातें मत सुनना….. जीते जी मरवा देगा.

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मन तुम्हें बहुत कुछ करने के लिए खींचने लगता है, लेकिन परिणाम कुछ खास मिलता नहीं है।
जो “सफलता” आप चाहते हो वैसा आपको मिलता नहीं
जो हम चाहते है वैसा होता नहीं है, जैसा चाहते है मिलता नहीं….
ऐसा क्यों होता है? 24 घंटे कट जाते है, लेकिन कोई खास आउटपुट  प्राप्त नहीं होता हैं… जिंदगी मानों  निरस सी हो जाती है..
इसका सबसे बड़ा कारण अगर कोई है तो आपका “मन” …!
आपका मन ही  आपको  ऐसे-ऐसे काम करवाते हैं जो असल में आप चाहते ही नहीं थे…!
फिर भी आपको करना पड़ता है।
पहले तो हमें पता नहीं  चलता है लेकिन बाद में एहसास होता है कि मन की बातें सुनकर कोई फायदा नहीं हुआ।
मन द्वारा लिया गया निर्णय आपको अच्छा तो लग सकता है ,आपके लिए
मजेदार भी हो सकता है लेकिन जिंदगी के वास्तविक आउटपुट प्राप्त हो  ऐसा जरूरी नहीं…
जब आपको लोग कोसने लगते हैं … कुछ करते क्यों नहीं हो..? कुछ बनते  क्यों नहीं हो..? क्या कर रहे हो आजकल…?
सफलता कब मिलेगी..? नौकरी कब मिलेगी?
तभी आपको लगने लगता है कि मेरे द्वारा लिए गये सारे निर्णय  सही नहीं थे
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आगर आप चाहते है कि…
जो हम चाहते है वहीं हो तो सबसे पहले “मन”जो हमारे  ऊपर  राज कर रहे हैं, जो राजा बने बैठा  है, उसको सेवक बनाना।
मन से काम लेना ना कि उसका गुलाम बनना।
  अगर तुम समाज में बेस्ट बनना चाहते हो
तुमको कुछ करके दिखाना है, तुम  भीड़ में खुद को अलग साबित करना चाहते हो
  तुम्हें यह अनुभव करना होगा कि तुम्हारे अंदर दो रूप है। एक अच्छा है और दूसरा बुरा है
एक रूप से तुम्हें प्यार रहता है तो दूसरे रूप से तुम्हें नफरत रहता है
  एक रूप में  जब तुम होते हो  तुम्हें सब ठीक लगता है लेकिन  दूसरे रूप में  तुम्हें पता होता है कि तुम गलत हो फिर भी ना चाहते हुए भी करना पड़ता है
खुद में  दो रूपों का  सामना करना ही सारी समस्या का  जड़ होता है
एक पल में  बहुत खुश होते है तो दूसरे पल में बहुत परेशान हो जाते है
  तुम जो सोचते हो वही तुम कर सको, जो तुम्हें करना है वही तुम सोच सको,  इसके लिए सबसे जरूरी है मन पर काबू करना।
“मन” को काबू किया जा सकता है।
इसके लिए छोटे-छोटे “स्टेप”उठाकर  मन पर  विजयी प्राप्त कर सकते हो
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  तुम जीत सकते हो, इसे समझने की जरूरत है…! मान लो, तुम पढ़ाई कर रहे थे अचानक तुम्हारे मन में तेज विचार आया कि चलो उस दोस्त से मिलने जाते है अथवा किसी  दोस्त को फोन करते हैं…?
यह विचार तुम्हारे मन में आवेग के साथ आयेगा फिर तुम  बेचैन हो जाओगे, तुम्हे शांत रहना मुश्किल हो जायेगा
जितना मन के खिलाफ जाओगे उतना परेशान हो जाओगे
अंत में  तुम मन की  बहकावे में   फस जाओगे?
एक बार  फोन उठाकर   बात करना शुरू कर दिया तो आपका मन  एक “विशेष जोन”में पहुंच जाता है
फिर तुम्हारे मन का पढ़ाई से  संपर्क टूट जाता है।
अब तुम्हें समय का  कोई एहसास नहीं होने लगता है
तुम्हें इस बात का  भी कोई फर्क नहीं पड़ता कि पढ़ाई तुम्हारे लिए कितना जरूरी था
असल में  मन ने तुम्हारे साथ एक गेम खेला था जिसमे तुम फंस जाते हो क्योंकि हमारे मन का  यह स्वभाव होता है कि वह हमेशा स्वतंत्र रहना चाहता है, किसी प्रकार का  टेंशन नहीं लेना चाहता है
इसलिए हमारे मन हमसे नई-नई साजिश रचते रहता है
इसलिए पढ़ाई जैसी चीजे वही इंसान कर सकता है जिसको पढ़ने का  बहुत शौक हो,जो पढ़ने के लिए कुछ भी त्यागने को तैयार हो ,वही मन लगाकर पढ़ सकता है
ऐसा न होने पर पढ़ते वक्त हजारों बहाने मन बनाने लगेगा
अगर आप वास्तव मेें बहुत पढ़ना चाहते हो लेकिन फिर भी आपका मन ,अपने स्वभाव से बाज नहीं आयेगा
इसलिए सबसे जरूरी है अपने मन को काबू करना सीखना होगा
मन ने जो घमण्ड पाल रखा है उसे तोड़ने की  जरूरत है****”**
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इसके लिए क्या करना है कि जब तुम अपनी महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हो उस  समय यदि मानो तुम्हें किसी अखबार या टेलीविजन से किसी फिल्म के वारे में  जानकर तुम्हारे मन में  फिल्म को देखने का  प्रबल इच्छा हो रहा है,
तो अब तुम्हें क्या करना है कि अपने मन को सीधे मना नहीं करना है उनका तत्काल इज्जत रख लेना है
…क्योंकि मन को रोकना नहीं है मन को परिवर्तन करना है
इसलिए तुरंत तैयार हो जाना है, कपड़े ,जूते सब पहन लेना है, सैंट लगा लेना है
अब देखना मन शांत होने लगेगा क्योंकि मन को यकीन हो जायेगा कि मन की बात मान लिया गया इसलिए मन का  घमण्ड कम हो जायेगा
….अब हमे क्या करना है कि पुरी तैयारी करने के बाद अंत में  जाना कैंसल  कर देना है
इससे क्या होगा….पहली बार मन को झटका लगेगा
पहली बार मन हार जायेगा और तुम जीत जाओगे
इस तरफ तुम पहली बार खुद को विजेता महसूस कर पाओगे
तुम अपने विचारों से खुद को अलग पाओगे
तुम्हें एक खालीपन  का  एहसास कर पाओगे
अगर तुम इस प्रकार के प्रयोग करके खुद को रोकना सीख गये तो समझना तुुुुम्हारे
नई जन्म की  शुरुआत हो चुकी है
अब तुम्हें रोकना आना सीखना होगा
तुम्हें सभी दोस्तों के दारू पीने पर भी खुद न पीना सीखना होगा
सिगरेट पुरी जल जाये लेकिन ना पीना, सीखना होगा
तुम्हें सबके बीच रहकर , सबसे अलग रहना सीखना होगा
तुम्हें कीचड़ में  रहकर , कमल बनना सीखना होगा
तुम्हें ,जब सब चिल्ला रहे होंगे तो चुप रहना सीखना होगा
इस तरह ,तुम्हें खुद से ,न कहना …सीखना होगा
तुम्हारे न कहने से बहुत से आदत छूटने लगेगा
तुम्हारा मन जो पहले तुम्हें बहुत दौड़ता था
अब धीरे – धीरे तुम्हारे नियंत्रण में  आ जायेगा
बस यहीं करना है कि अंतिम समय खुद को खुद से अलग करते रहना है
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Sksarkar2

मन की बातें मत सुनना….. जीते जी मरवा 

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Sksarkar

In English..

Do not listen to the thoughts of the mind … you will get it alive
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  The mind pulls you in to do a lot of things, but the results don’t get much.
  You don’t get the kind of “success” you want
  What we want is not what we want, it is not what we want…
  Why does this happen?  24 hours are cut, but no special output is obtained … life is almost as if ..
  The biggest reason for this is if your “mind” …!
 Your mind makes you do things that you didn’t really want …!
  You still have to.
 At first we do not know but later realize that listening to the words of the mind is of no use.
 The decision taken by the mind may sound good to you
 Can also be fun but it is not necessary to get real output of life …
  When people start cursing you … Why don’t you do something ..?  Why don’t you make something ..?  what are you doing these days…?
 When will you get success ..?  When will you get a job?
 Only then do you feel that all the decisions I took were not right
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 If you want to…
  If what we want is there then first of all “mind” who is ruling over us, who is sitting as a king, make him a servant.
  Use your mind not to be his slave.
   If you want to be the best in society
  You have to do something, you want to prove yourself different in the crowd
   You have to feel that there are two forms inside you.  One is good and the other is bad
 One way you love, another you hate
   In one form, when you are, you feel all right, but in other forms you know that you are wrong, yet you have to do it without wishing.
 Facing two forms in itself is the root of the whole problem
 You are very happy in one moment and you are very upset in the second.
   You can do what you think, you can think only what you have to do, for this, the most important thing is to control the mind.
 “Mind” can be controlled.
 For this, by taking small “steps”, you can get victorious over the mind
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   You can win, you need to understand this…!  Suppose, you were studying, suddenly a sharp thought came to your mind that let’s go to meet that friend or call a friend …?
 This thought will come in your mind with impulse, then you will become restless, you will find it difficult to keep calm.
 The more you go against the mind, the more you will get upset
 In the end, you will get entangled in the mind?
 Once you pick up the phone and start talking, your mind reaches a “special zone”
  Then your mind breaks contact with studies.
  Now you don’t feel the time
 You do not even care how important education was to you
 Actually, Mana played a game with you in which you get stuck because we have this nature of mind that it always wants to be independent, does not want any kind of tension.
 That’s why our mind keeps plotting new plot from us
 That is why only a person who is very fond of reading, who is willing to give up anything to study, can study with his mind
 If not, thousands of excuses will start making up your mind while studying
 If you really want to study a lot but still your mind will not be disturbed by your nature
 That’s why it is most important to learn to control your mind
 There is a need to break the pride that Mana has kept **** “***” “” “” ************** “” “” “” “****  * “” “” “” “
 What to do for this is that if you are doing your important work at that time, if you know about a film from a newspaper or television, then you have a strong desire to see the film,
 So what you have to do now is not to deny your mind directly, have to respect them immediately.
 … because the mind does not stop the mind has to change
 So you have to get ready immediately, put on clothes, shoes, wear saints
 Now the mind will start to calm down because the mind will be convinced that the mind has been accepted, so the pride of the mind will be reduced.
 …. What we have to do now is that after completing the whole preparation, we have to cancel at the end
 What will happen with this …. will shock the mind for the first time
 For the first time your mind will lose and you will win
 This is the first time you will feel yourself a winner
 You will find yourself separated from thoughts
 You will feel a emptiness
 If you learn to stop yourself with this type of experiment then you will understand
 New birth has begun
 Now you have to learn to stop
 You have to learn not to drink even after drinking alcohol from all friends
 Cigarette puri will burn but don’t drink, you have to learn
 You have to learn to be different from everyone
 You have to learn to be a lotus by living in mud
 You have to learn to shut up when everyone is screaming
 That way, you have to learn from yourself, not to say…
 Many habits will be lost if you do not say
 Your mind which used to race you a lot
 Now you will come under your control
 The only thing to do here is to keep separating yourself from the last moment
 ..
 ……….
 ……………….
 Sksarkar2
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