दुर्गा पूजा || दुर्गा मां से जुड़े gk || सम्पूर्ण इतिहास 2023
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दुर्गा पूजा भारत में महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहारों में से एक है

मां दुर्गा जी की पूजा के साथ साथ  महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, और महागणेश जी की पूजा एक साथ की जाती है। मां दुर्गा जी की पूजा बंगाल, असम, ओडिशा, और अन्य कई भारतीय राज्यों में धूमधाम से मनाई जाती है

 

दुर्गा पूजा का आयोजन अक्टूबर या नवम्बर के महीने में किया जाता है और इसके पहले सप्ताह क आयोजन होता है, जिसमें पितृदेवता की पूजा की जाती है। इस बार महालया पितृ पक्ष श्राद्ध 29 सितंबर से 14 अक्टूबर 2023 तक। इसके बाद, दुर्गा पूजा के दौरान, सुंदर और मनमोहक रूप में बनी  माँ दुर्गा की मूर्तियो को घरों और पंडालों में स्थापित की जाती हैं

इस त्योहार के दौरान, लोग विशेष पूजा, आरती, संगीत, और नृत्य करते हैं, और भगवान की कृपा के लिए प्रार्थना करते हैं। बच्चे खेलते हैं और खास खाने का आनंद लेते हैं

 

                  

2023 में दुर्गा पूजा कहां है ?durga puja kab hai 

 

दुर्गा पूजा का त्योहार भारतीय हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र और आश्वयुज मास के महिनों में मनाया जाता है, जो सामान्यत: सितंबर से अक्टूबर के बीच होते हैं। इसका आयोजन नौ दिनों तक किया जाता है, जिसमें पूजा, ध्यान, और विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी गतिविधियाँ शामिल होती हैं। दशमी तिथि को दुर्गा पूजा का उत्सव समाप्त होता है, जिसे विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है

इस बार दुर्गा पूजा रविवार, 15 अक्टूबर 2023 से प्रारंभ हो रहा है तथा  23 अक्टूबर 2023 को समाप्त होगा

     

Gurga Maa

दुर्गा मां कौन है

माँ दुर्गा हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवी हैं। वह शक्ति, साहस, और प्रेम की प्रतीक हैं। माँ दुर्गा असल में महादेव शिव जी की पत्नी है

इस बार  दुर्गा माता की सवारी क्या है 2023 octobe

इस बार देवी की सवारी घोड़ा हैं। घोड़े में आ भी रहे है जा भी रहे है ।  बंगला पंजिका के अनुसार जो कोलकाता में मान्य  है

 

 

महिषासुर और माता दुर्गा का क्या संबंध ?

यह माना जाता है  महिषासुर (mahishasur) दानवों  कुख्यात का राजा था. वो अपनी असीमित शक्तियों के बूते तीनों लोकों में उत्पात मचाने लगा. उसका अंत करने के लिए देवताओं के तेज से मां दुर्गा (durga) का जन्म हुआ, जिसने महिषासुर का वध किया

माँ दुर्गा की मूर्ति महिषासुर  के साथ में होती है, जब वे देवी दुर्गा के रूप में असुर महिषासुर को पराजित करती हैं। उनके दस हाथ होते हैं, जिनमें हर हाथ में एक अलग  चमकदार अस्त्र होते  है

 

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दोस्तो आज में आपको  दुर्गा मां के बारे में विस्तार से बताने से पहले उनसे जुड़े अनेक मजेदार और ज्ञानवर्धक सवालों के जवाब देना चाहता हूं जो कभी कभी एग्जाम या केबीसी अथवा बड़े बूढ़े हमसे शादी या किसी समारहो में हमसे पूछ लेते है। इसके अतिरिक्त एक सनातनी हिंदू होने के नाते हमे इस प्रकार के सवालों के जवाब आने चाहिए तभी हम आने वाले जनरेशन को आध्यात्मिक जानकारी दे पाएंगे

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     दुर्गा देवी किसकी बेटी है

     उत्तर : हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती         पर्वत राजा हिमवान की पुत्री थीं

 

 

 मां दुर्गा के 9 नाम कौन कौन से हैं ?

प्रथम माता शैलपुत्री, फिर ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंद माता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री और फिर दुर्गा प्रतिमा 

 

 

  Q:    दुर्गा का असली नाम क्या ?

 Ans :उनका असली नाम दाक्षायनी था l

 

  Q: दुर्गा की मृत्यु कैसे हुई थी ? 

  Answer:दुर्गा चैत की पहली वर्षा में भीगने के कारण          बीमार पड़ती है। इसी बीमारी से उसकी मृत्यु हुई थी ।

 

   Q : शिव और दुर्गा के बीच क्या संबंध है ?

  Ans : सभी वैदिक देवताओं में से सबसे महत्वपूर्ण     देवताओं में से एक शिव हैं। और सभी देवी-देवताओं में से सबसे प्रसिद्ध देवी दुर्गा , शिव जी की पत्नी है

 

    Q : दुर्गा जी की कितनी बहन है ?

    Ans : देवी दुर्गा की थी 7 बहनें है l

 

     Q: महिषासुर किसका अवतार था ? महिषासुर कौन       था?

Ans :महिषासुर एक असुर था। महिषासुर के पिता का नाम  रंभ था जो असुरों का राजा था वह एक बार जल में रहने वाले एक भैंस से प्रेम कर बैठा और इन्हीं के संयोग से महिषासुर का जन्म हुआ। इस वजह से  महिषासुर इच्छानुसार जब चाहे भैंस और जब चाहे मनुष्य का रूप धारण कर सकता हैं ।

 

  Q: महिषासुर का असली नाम क्या है?

   Ans : महिषासुर का असली नाम हुडुर दुर्गा था. वह             महिलाओं पर हथियार नहीं उठाते 

 

     Q: महिषासुर की पूजा क्यों की जाती है ?

  Ans:कुछ इलाके ऐसे भी हैं जहां आमतौर पर बुरी शक्ति की अराधना होती है वहा  महिषासुर की पूजा की जाती है। कुछ  आदिवासी महिषासुर को उनके जाती के  मानते हैं, जबकि देवी दुर्गा ऊंची जाति की प्रतिनिधि करती है

 

 Q : महिषासुर को किस भगवान ने वरदान दिया ?

 Ans :महिषासुर को  भगवान ब्रह्मा ने अमरता का वरदान दिए थे

 

 Q : महिषासुर को शाप किसने दिया था?

महिषासुर जो अपने वरदान के कारण घमंड में चूर था, उसने सभी देवताओं को हरा दिया और तीनों लोकों  सम्राट बन गया था lएक दिन, महिषासुर ने स्त्री का रूप धारण करके कात्यायन मुनि को उनके ध्यान से विचलित कर दिया और इसलिए मुनि द्वारा  स्त्री द्वारा मारे जाने का श्राप मिला

 

  Q : महिषासुर की मृत्यु कैसे हुई ?

Ans :महिषासुर के आतंक को खत्म करने के लिए सभी देवताओं ने अपने-अपने अस्त्र देवी दुर्गा को दिए   9 दिन देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच महायुद्ध हुआ हुआ और अंतत: 10 वे दिन बुराइयों का अंत हुआ और अच्छाइयों की जीत हुई तब से मां दुर्गा  महिषासुरमर्दिनी कहलाईं

 

 Q :क्या महिषासुर ने विष्णु को हराया था?

Ans :देवताओं ने महिषासुर पर युद्ध करने का फैसला किया लेकिन भगवान ब्रह्मा के वरदान के कारण कोई भी उसे हरा नहीं सका। इस प्रकार देवता मदद के लिए भगवान विष्णु के पास पहुंचे। बहुत सोच विचार के बाद ब्रह्मा जी के वरदान की सामान रखने के लिए भगवान विष्णु ने दूरदर्शी और कूटनीतिक अपनाते हुए महिषासुर को हराने के लिए एक महिला रूप बनाने का फैसला किया

असल में भगवान विष्णु संपूर्ण संसार में यह संदेश देना चाहते थे कि स्त्री रूप कायर   नहीं है वहां शक्ति की रूप है। इसलिए आज भी माता दुर्गा की पूजा इस बात का संकेत है कि स्त्री सर्वपरी है और उनका सम्मान होना चाहिए। एक जमाना था जब स्त्रियों को पैरों का धूल समझा जाता था जबकि आज स्त्रियां पुरुषों के कंधे से कंधे मिलाकर चलते हैं कहीं ना कहीं हमारे त्योहार और सनातन संस्कृति हमें पहले ही संदेश दे देती है जिसे बस समझने भर की जरूरत है।

 

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मां दुर्गा के बारे में विस्तार से जानते हैं

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मां दुर्गा: एक आउटलाइन

 

**i. परिचय

   a. मां दुर्गा का परिच

   b. मां दुर्गा के रूप और आवता

 

   ii. मां दुर्गा का महत्व

   a. धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

   b. शक्ति की प्रती

   c. नवरात्रि और दुर्गा पू

 

  iii. मां दुर्गा की कथाएँ

   a. महिषासुर मर्दिनी

   b. दुर्गा दश

   c. मां दुर्गा के अन्य आवता

 

**iv. मां दुर्गा के पूजा और उपासना

   a. दुर्गा पूजा के त्योहा

   b. पूजा की विधियाँ

   c. मां दुर्गा के मंत्र और भ

 

   v. मां दुर्गा के संदर्भ में सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव

   a. दुर्गा पूजा का सामाजिक महत्व

   b. दुर्गा पूजा के आराधना स्थ

   c. मां दुर्गा के पर्व की विविध

 

   vi. संक्षेप और निष्कर्षण

   a. मां दुर्गा के महत्व का संक्षे

   b. उनके पूजा और उपासना का महत्व

   c. सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभा

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a. मां दुर्गा का परिचय*

मां दुर्गा हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवी हैं। वह शक्ति, साहस, और प्रेम की प्रतीक हैं और उन्हें सर्वशक्तिमान और देवी की रूप में माना जाता है। मां दुर्गा की मूर्ति महिषासुर मर्दिनी के रूप में होती है, जब वे देवी दुर्गा के रूप में असुर महिषासुर को पराजित करती हैं। उनके दस हाथ होते हैं, जिनमें हर हाथ में एक अलग आस्तिक अस्तिक चमकदार होता है

 

मां दुर्गा हिन्दू पंथ में भगवान शिव और देवी पार्वती की पुत्री हैं और विभिन्न रूपों में प्रकट होती हैं, जैसे कि महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, और महागणेश की मां। मां दुर्गा की पूजा और भक्ति हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण हैं और उन्हें सर्वशक्तिमान और देवी की रूप में माना जाता है

 

 

 

b. मां दुर्गा के रूप और आवतार

 

1. **नवरूपों का परिचय:** मां दुर्गा के कई आवतार होते हैं, जो उनकी विभिन्न गुणों और उपकारक विशेषताओं को प्रकट करते हैं। ये आवतार हैं

  1.    – महाकाली: अत्यंत उग्र और राक्षसों के प्रति संकटनाशक रूप में
  2.    – महालक्ष्मी: धन और समृद्धि की देवी, विशेषत: दिवाली पर मनाई जाती है
  3.    – महासरस्वती: ज्ञान, विद्या, और कला की देवी, विशेषत: वसंत पंचमी पर पूजी जाती है
  4.    – महागणेश की मां: गणपति की मां और उनकी माता, विशेषत: विघ्नहर्ता के अवतार के रूप में

 

2. **दस मुखों वाली मां:**

मां दुर्गा का सबसे प्रसिद्ध आवतार दस मुखों वाली होती हैं, जिसमें उनके हर मुख पर एक देवी की प्रतीक होती है। इसका संकेत उनकी अद्वितीय शक्ति और आव्यूहिक सामर्थ्य को प्रकट करता 

 

3. **रूप की महत्वपूर्ण विशेषताएँ:**

मां दुर्गा की मूर्ति में वे एक सिंह पर चढ़ी होती हैं, जिससे उनकी बहादुरी और साहस का प्रतीक होता है। उनके हाथों में विभिन्न आस्तिक उपकरण होते हैं, जो उनकी शक्ति को प्रकट करते हैं

 

4. **आवतारों का महत्व:**

मां दुर्गा के आवतार विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए होते हैं और वे देवी की शक्ति के विभिन्न पहलुओं को प्रकट करते हैं। यह आवतार हिन्दू भक्तों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और उनके जीवन को मार्गदर्शन करते हैं

 

मां दुर्गा के विभिन्न आवतारों के माध्यम से वे शक्ति, साहस, और विभिन्न गुणों के प्रतीक के रूप में विश्वास किए जाते हैं, और इनके आवतारों का महत्व धार्मिक और सामाजिक जीवन में होता

 

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  **ii. मां दुर्गा का महत्व*

 

a. **धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व:

   1. **देवी की महत्वपूर्ण भूमिका:** मां दुर्गा हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण देवी हैं और उन्हें शक्ति की प्रतीक के रूप में माना जाता है। वे सृष्टि की स्थिति, संरक्षण, और सम्हारण की माता होती हैं

 

   2. **युद्ध की देवी:** मां दुर्गा का दस मुखों वाला रूप बहुत ही उग्र होता है और वे दुर्गा पूजा के दौरान मार्कंडेय पुराण के अनुसार महिषासुर के विनाश के लिए युद्ध किया थी। इससे उनके युद्धरूप का महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व होता है

 

b. **शक्ति की प्रतीक

   1. **महिलाओं की सशक्तिकरण:** मां दुर्गा की पूजा महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरणा स्रोत होती है। वे देवी के रूप में महिलाओं की उन्नति और सशक्तिकरण का प्रतीक होती हैं

 

   2. **शक्ति का संदेश:** मां दुर्गा के आवतार शक्ति की महत्वपूर्ण प्रतीक होते हैं, और वे दुर्गा पूजा के माध्यम से भक्तों को शक्तिशाली बनाने का संदेश देते हैं

 

c. **नवरात्रि और दुर्गा पूजा

   1. **नवरात्रि का महत्व:** मां दुर्गा के आगमन का खास समय नवरात्रि के त्योहार में होता है। यह त्योहार नौ दिनों के आवागमन के साथ मनाया जाता है और भक्तों के लिए आध्यात्मिक अद्यतन का मौका प्रदान करता है

 

   2. **दुर्गा पूजा का महत्व:** दुर्गा पूजा हिन्दू भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, और यह देवी के आगमन को मनाने का तरीका होता है। इसके दौरान भक्त उनकी पूजा और प्रार्थना करते हैं, और उनकी कृपा के लिए प्रार्थना करते हैं

 

मां दुर्गा का महत्व हिन्दू धर्म में उनकी शक्ति, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व, और नवरात्रि और दुर्गा पूजा के माध्यम से भक्तों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता 

 

 

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**c. नवरात्रि और दुर्गा पूजा*

 

1. **नवरात्रि का महत्व:

   – नवरात्रि हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो मां दुर्गा के आगमन का स्मरण करता है

   – यह त्योहार आध्यात्मिक उन्नति का समय होता है और भक्तों को मां दुर्गा की पूजा, प्रार्थना, और व्रत करने का मौका प्रदान करता है

   – नवरात्रि के नौ दिन नौ रूपों के आगमन का संकेत करते हैं, जिनमें महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, और महिषासुर मर्दिनी शामिल होती हैं

 

2. **दुर्गा पूजा का आयोजन:

   – दुर्गा पूजा नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक किया जाता है, जिसमें भक्तों द्वारका में मां दुर्गा की मूर्ति का आगमन करते हैं

   – पूजा के दौरान विशेष रूप से बनाई गई मां दुर्गा की मूर्ति पूजन के लिए उपयोग की जाती है, और उसे नौ दिनों तक पूजा और समर्पण की जाती है

   – व्रत और उपवास का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, और भक्त इन दिनों खास आहार खाने से बचते हैं और मां दुर्गा के नाम का जप करते हैं

 

3. **नवरात्रि के सामाजिक महत्व:

   – नवरात्रि के दौरान सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, जैसे कि रास गरबा, ध्यान, और संगीत कार्यक्रम

   – यह त्योहार लोगों को एक साथ आने, गीत गाने, और धार्मिक आयोजनों में भाग लेने का मौका प्रदान करता है, जिससे सामाजिक एकता को बढ़ावा मिलता है

 

नवरात्रि और दुर्गा पूजा हिन्दू धर्म में मां दुर्गा के आगमन को याद करने और उनके आदर्शों का पालन करने का समय होता है, जो धार्मिक और सामाजिक सांस्कृतिक महत्व रखता है

 

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**iii. मां दुर्गा की कथाएँ*

 

a. **महिषासुर मर्दिनी:

   1. महिषासुर मर्दिनी कथा मां दुर्गा के दस मुखों वाले रूप का वर्णन करती है

   2. कथा के अनुसार, देवी दुर्गा ने महिषासुर को पराजित करने के लिए युद्ध किया और उसे विजयी बनाया

   3. इस कथा में मां दुर्गा की शक्ति, साहस, और धर्म के प्रति प्रतिष्ठा को प्रकट किया जाता है

 

b. **दुर्गा दशमी:

   1. दुर्गा दशमी कथा में मां दुर्गा के आगमन का महत्वपूर्ण समय होता है, जब वे अपने पिता राजा हिमवान के घर आती हैं

   2. इस कथा में मां दुर्गा की मातृत्व और परिवार के साथ जुड़े होने का संदेश होता है, और यह त्योहार परिवार के साथ बिताए जाते हैं

 

c. **मां दुर्गा के अन्य आवतार:

   1. **महाकाली:** मां दुर्गा का उग्र और रक्षक रूप, जो बुराई और अधर्म के खिलाफ लड़ती हैं

   2. **महालक्ष्मी:** धन और समृद्धि की देवी, जो विशेषत: दिवाली पर पूजी जाती है

   3. **महासरस्वती:** ज्ञान, विद्या, और कला की देवी, जिनकी पूजा वसंत पंचमी पर की जाती है

   4. **महागणेश की मां:** गणपति की मां और उनकी माता, विशेषत: विघ्नहर्ता के अवतार के रूप में

 

मां दुर्गा की कथाएँ हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण भाग हैं, जो उनके विभिन्न आवतारों के माध्यम से उनके गुणों और महत्व को प्रकट करती हैं। इन कथाओं के माध्यम से उनकी महिमा और धर्मिक महत्व को समझने में मदद मिलती है

 

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**c. मां दुर्गा के मंत्र और भजन*

 

**मां दुर्गा के मंत्र:

1. **ॐ दुं दुर्गायै नमः (om dum durgayai namah):** यह मां दुर्गा का मूल मंत्र है, जिसे उनकी शक्ति और सुरक्षा की प्राप्ति के लिए जपा जाता है

2. **सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते।। (sarvamangalamangalye shive sarvarthasadhike. sharanye tryambake gauri narayani namostute):** यह मंत्र मां दुर्गा का आराधना, सुख, और समृद्धि के लिए जपा जाता है

 

**मां दुर्गा के भजन:

1. **आम्बे तू है जगदम्बे काली (ambe tu hai jagdambe kali):** यह भजन मां दुर्गा के नौ रूपों की महिमा को गाता है और उनकी महत्वपूर्ण पूजा के साथ जपा जाता है

2. **जय जगदीश हरे (jai jagdish hare):** यह भजन हिन्दू धर्म के विभिन्न देवी-देवताओं की प्रार्थना के रूप में मां दुर्गा के आराधना के लिए उपयोगी है

3. **दुर्गा आरती (durga aarti):** दुर्गा आरती मां दुर्गा की महिमा और आशीर्वाद का भजन है, और इसे पूजा के दौरान गाया जाता है

 

ये मंत्र और भजन मां दुर्गा की पूजा और उपासना के लिए उपयोगी होते हैं, और भक्तों को उनके आध्यात्मिक अनुभव को साझा करने में मदद करते हैं। इन्हें भक्त अपने आराध्या के प्रति अपनी भक्ति और प्रेम का अभिव्यक्ति के रूप में गाते और जपते हैं

 

 

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**v. मां दुर्गा के संदर्भ में सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव*

 

मां दुर्गा के संदर्भ में सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव भारतीय समाज में महत्वपूर्ण हैं

 

**1. धार्मिक महत्व

   – मां दुर्गा हिन्दू धर्म की महत्वपूर्ण देवी हैं, और उनकी पूजा और उपासना धार्मिक आदर्शों का पालन करने में मदद करती है

   – उनके विभिन्न आवतारों की कथाएँ और महत्वपूर्ण भजन हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों और पूजाओं का हिस्सा हैं, जैसे कि नवरात्रि और दुर्गा पूजा

 

**2. सामाजिक एकता:

   – नवरात्रि और दुर्गा पूजा के दौरान सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, जिससे लोग एक साथ आते हैं और समृद्धि की ओर बढ़ते हैं

   – रास गरबा और दांडिया रास की रसमें लोग मिलकर नृत्य करते हैं, जिससे सामाजिक एकता का माहौल बनता है

 

**3. स्त्री शक्ति की प्रतीक:

   – मां दुर्गा स्त्री शक्ति और साहस की प्रतीक हैं, और उनका आदर करने से समाज में महिलाओं के साथ बराबरी का संदेश दिया जाता है

   – उनकी कथाएँ और पूजा में भारतीय समाज में महिलाओं के सामाजिक और सांस्कृतिक स्थान की महत्वपूर्ण प्रतिष्ठा को प्रमोट करती हैं

 

**4. कला और संगीत:

   – मां दुर्गा के पूजा और उपासना के दौरान संगीत, नृत्य, और कला की महत्वपूर्ण भूमिका होती है

   – रास गरबा और दांडिया रास के द्वारा भारतीय संगीत और नृत्य की परंपरा को बढ़ावा मिलता है

 

**5. सांस्कृतिक एकता:

   – मां दुर्गा के पूजा और उपासना के दौरान लोग भिन्न सामाजिक और आंगनवाड़ी में एक साथ आते हैं, जो सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा मिलता है

 

मां दुर्गा का सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव भारतीय समाज में गहरा है और उनकी पूजा और उपासना समृद्धि, सामाजिक एकता, और स्त्री शक्ति की प्रतीक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

 

 

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maa durga ke 108 naam || मां दुर्गा के 108 ना

 

मां दुर्गा के 108 नाम की पूरी सूची निम्नलिखित है

 

1. शैलपुत्री

2. ब्रह्मचा

3. चंद्रघंटा

4. कूष्माण्डा

5. स्कंदमा

6. कात्याय

7. कालरात्रि

8. महागौ

9. सिद्धिदात्री

10. यशस्वि

11. ब्रह्मचारिणी

12. कुमा

13. वैष्णवी

14. वारा

15. नर्मदा

16. विंध्यवासि

17. कावेरी

18. तुंगभद्रा

19. जा

20. बैता

21. भीमरूपा

22. ब

23. बालिप्रदा

24. दीर्घजिह्वा

25. विरू

26. वा

27. ज्वालमुखी

28. महाका

29. वृद्धकाली

30. क्षेत्रपा

31. मृत्युञ्जया

32. मोहि

33. मुक्तिदायिनी

34. पुंखन्या

35. महोत्प

36. वायुवे

37. कामेश्वरी

38. भैर

39. नाथेश्वरी

40. मातङ्गी

41. मातुलुं

42. क्रोधि

43. विश्वेश्वरी

44. काम

45. मृत्युन्जया

46. मोहनात्मि

47. संध्यातारिणी

48. सर्वमङ्ग

49. सर्वकामदा

50. सर्वधात्री

51. चण्डि

52. सर्वरोगह

53. सर्वकामप्रदा

54. सर्वमन्गलमाङ्गल्ये

55. शि

56. त्रैलोक्यमोहि

57. देवी

58. सर्वभूतेश्व

59. रक्तदन्तपद्मासिनी

60. गजाननश्व

61. द्विमुखांबिका

62. गङ्गा

63. कावे

64. यमु

65. बहुपुत्रिका

66. कृष्णपिङ्ग

67. विरञ्चि

68. ब्रह्मा

69. त्रिनेत्रा

70. नित्य

71. कालरू

72. महाकला

73. महाताण्डवनियन्त्रि

74. चक्रधारिणी

75. ब्रह्म

76. तारिणी

77. शार

78. बाली

79. बद्धपद्म

80. सक्तिनि

81. महालक्ष्मी

82. अम्बा

83. क

84. जगदम्बा

85. श्वेतगन्धा

86. सर्वबीज

87. सुमङ्गला

88. वाग्देव

89. जया

90. अक्षयाक्षी

91. ब्रह्मचारि

92. श्रीदे

93. चमुण्डा

94. भैर

95. आर्या

96. योगि

97. यज्ञसिद्धिदायिनी

98. अमृताशनिप्रि

99. सर्वप्रियङ्गकरी

100. चिन्मुद्रा

101. सर्वबृद्दिप्रदायि

102. मुद्रि

103. योगानन्दकरी

104. ब्रह्मकारि

105. राकेंदुमौलिनी

106. विश्वमोहि

107. योगमाया

108. तुरी

 

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दुर्गा मां गान | durga pooja song

 

 

 

जय माँ दुर्गा, तुम हो शक्ति की दे

तुम्हारी कृपा से हम सब कुछ पा सकते हैं

 

तुम हो माँ अंबे, जगदम्बे के रूप में

तुम्हारी महिमा को गुणगुणाते हैं हम सब लो

 

जगाओ तुम हमारी भक्ति, और दूर करो हर बुरा

माँ दुर्गा, हमें अपने शरण में ले लो तुम सबसे प्यारी

 

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दुर्गा मां भजन || durga maa bhaha

 

 

1. “जय अम्बे गौरी

   – जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी

   – तुमको निशदिन ध्यावत, हर ब्रज कारी

 

2. “तू प्यार का सागर है

   – तू प्यार का सागर है, तेरे इक पल में सारा प्यार खो जा

 

3. “अम्बे तू है जगदम्बे काली

   – अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली

 

4. “मेरी लक्ष्मी मैया

   – मेरी लक्ष्मी मैया, मेरे सर पे हाथ रख देना

 

5. “तुझे कब से पुकारूं मैं माँ

   – तुझे कब से पुकारूं मैं माँ, कैसे तुझे बता

 

 

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दुर्गा  मां फोटो || durga ma free hd photo

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3. “अम्बे तू है जगदम्बे काली”

– अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली।

 

4. “मेरी लक्ष्मी मैया”

– मेरी लक्ष्मी मैया, मेरे सर पे हाथ रख देना।

 

5. “तुझे कब से पुकारूं मैं माँ”

– तुझे कब से पुकारूं मैं माँ, कैसे तुझे बताऊ

 

 

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दुर्गा मां फोटो || Durga ma Free HD Photo

 

 

 

 

 

 

 

 

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