Guru Kripa ll सच्चे गुरु की तलाश
गुरु का चुनाव आपको खुद करना पड़ता है
गुरु को खोजना पड़ता है
जबकि माता-पिता भाई बहन या अन्य रिश्तेदारों का चुनाव आपको करना नहीं पड़ता जो स्वयं ऊपर से तय होता है इस पर आपका कोई जोर नहीं होता
यह रिश्ता कैसा भी हो आप को स्वीकार करना पड़ता है
इनका अनुभव अच्छा या बुरा कुछ भी सकता है
लेकिन यह कहना बहुत गलत होगा कि “मेरा जन्म अगर अच्छे परिवार में होता तो मैं भी उनके तरह बहुत अच्छा कर पाता”
यहां तो परिस्थिति का रोना होता है
मैंने बहुत लोगों को कहते हुए सुना है कि “मेरा भी उसके जैसा भाई होता तो मैं भी उसके जैसा कुछ बड़ा कर पाता”
इतिहास गवाह है कि गरीब से गरीब परिवार में भी महान से महान लोग जन्म लिए हैं जिन्होंने कभी भी परिस्थिति का रोना नहीं रोए, बल्कि उन्हीं परिस्थितियों में रहकर नवीन संभावनाओं की खोज किए थे
एक बात याद रखना “कमल हमेशा कीचड़”में ही पैदा होता है
विषम परिस्थिति हमें ज्यादा सक्षम और दूसरों से अलग बनाते हैं
शानो शौकत में पलने वाले बहुत बच्चों को मैंने देखा है कि बड़े होकर अपने माता-पिता का नाक काटने में कोई कसर नहीं छोड़े हो
इस तरह आप देख सकते हो कि चुनौतियां दोनों तरफ से है….
चाहे आप गरीब घर में हो अथवा अमीर के घर में,
किसी भी स्थिति में आपको स्वयं सिद्ध करना होता है कि आप श्रेष्ठ हो,आप महान हो तथा आप एक सफल व्यक्ति हो…!
मुझे लगता है…आपकी सफलता और महानता के लिए आपको सही समय पर सच्चे गुरु का मिलना बहुत जरूरी होता है
सच्चा गुरु आपको उस दलदल से भी बाहर निकाल सकते है जहां आप सालों से सड़ रहे थे
गुरु का चयन आपको खुद करना होगा…!
गुरु ही आपकी कमजोरियों को समझ कर आपको सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करता रहेगा
अगर आपको अपनी सच्चे गुरु की तलाश है तो ………….
‘यह
जिंदगी आपको एक न एक दिन आपके गुरु से जरूर मिलबा देगी’
उस दिन आपको,आपने सभी रिश्तो से बढ़कर गुरु के साथ समय बिताना अच्छा लगेगा
तुम अंदर से गुरु के प्रति रिस्पेक्ट feel करने लगोगे
गुरु के स्पर्श मात्र से तुम्हारी सारी बीमारी दूर हो जाएगी
तुम खुद के निर्माण में इतना व्यस्त हो जाओगे कि तुम्हें हर समय लगने लगेगा कि मैं भी कभी अपने गुरु के लिए किसी काम आ सकूं
गुरु एक भावना होता है जो आपके मन के भाव से उत्पन्न होता है गुरु कोई भी हो सकता है
जब आप अपने जीवन का सही से ऑब्जरवेशन करने लगोगे तो आपको अचानक गुरु की प्राप्त हो जाएगा
गुरु आपके आसपास कहीं भी हो सकता है
जब आप सीखने की मनोस्थिति में रहोगे तो गुरु की प्राप्ति होना बहुत आसान हो जाएगा
आपका Ego(अहंकार )आपके गुरु की प्राप्ति में ताउम्र बाधा बन सकता है
अगर आप खुद को सभी लोगों से श्रेष्ठ समझते हो तो गुरु मिलना आपके लिए बहुत मुश्किल है
कोई आपसे उम्र में बड़ा है या किसी क्षेत्र में आपसे अनुभव में ज्यादा है तो बस इतना ही काफी हो सकता है सामने वालों को गुरु मानने के लिए..!
गुरु बिना इस संसार के भवसागर से पार होना बहुत मुश्किल है… यह कथन वास्तव में मुझे सही प्रतीत होता है
एक व्यक्ति कभी भी अकेले सफल नहीं हो सकता उनकी सफलता के पीछे कई लोगों का हाथ होता है
सच्चा गुरु हमेशा अपने शिष्य की सफलता से खुश होते हैं
सच्चा गुरु हमेशा चाहते है कि उनका शिष्य उनसे भी आगे निकल कर अपने गुरु का नाम रोशन करें
भारत एक ऐसा देश है जहां गुरु-शिष्य की पवित्र परंपरा रहा है
स्वामी विवेकानंद की पहचान से ही रामकृष्ण परमहंस की महानता को लोग समझ सके
सच्चा गुरु कभी भी अपना महिमामंडन खुद नहीं करते, बल्कि शिष्य ही वास्तव में गुरु के वास्तविक व्यक्तित्व को लोगों के सामने लाते हैं
सिर्फ शिष्य को गुरु की तलाश नहीं होता है बल्कि एक गुरु भी अपने सच्चे शिष्य की तलाश में रहते हैैं
एक अच्छा स्टूडेंट ही एक अच्छा टीचर बन सकता है
इसलिए जरूरी है कि आप एक शिष्य के रूप में बेहतर बनो तभी आप एक दिन एक बेहतर गुरु बन सकते हो
अमूमन सच्चे गुरु की तलाश तब होती है जब हम किसी विद्या अथवा किसी Skill को सीखते हैं
सिखाने के दौरान गुरु अपने पात्र शिष्य को ही अपने जिंदगी भर के अनुभव को साझा करते है
वैसे सीखने की कोई उम्र नहीं होती आप जिंदगी के प्रत्येक मोड़ पर सीखते रहते हो
असल में जब आप कुछ नया सीखना छोड़ देते हो तभी से तुम मृत्यु तुल्य हो जाते हो
प्रत्येक विद्या की एक परंपरा होती है जिसे शिष्य को अनुशासित होकर पालन करना जरूरी होता है
अनुशासन और अभ्यास के बिना किसी भी विद्या में पारंगत होना संभव नहीं होता है
इसलिए सच्चा गुरु इसे बनाए रखने के लिए अपने शिष्य पर शक्ति से पेश भी आते हैं
इसलिए कई बार शिष्य अपना धैर्य खो देते हैं और बीच मैदान में ही भाग जाते हैं
इसलिए बहुत कम पात्र शिष्य ही गुरु को प्राप्त होते हैं
आपको सच्चा गुरु तभी प्राप्त होगा जब आप एक पात्र शिष्य भी होंगे
हमारे सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति को भी गुरु माना जाता है तथा ज्योतिष विद्या के अनुसार यह माना जाता है जिसका गुरु सही रहता है उनका सभी ग्रह सही रहता है
भारतीय संस्कृति में यह भी मान्यता है कि जिनके ऊपर गुरु कृपा होती है तथा बड़ों का आशीर्वाद रहता है उनके ऊपर बड़े-बड़े संकट भी आ जाते तो टल जाते हैं
इसलिए सच्चा गुरु मिलना हमेशा सौभाग्य की बात रहा है
अगर आपको लगता है कि आपको किसी ने समझ नहीं, सभी ने आप का उपयोग किया ,रिश्ते और रिश्तेदार से आपका मन भर गया तो आपको एक सच्चे गुरु की तलाश करनी चाहिए
आपका गुरु आपका एक अच्छा दोस्त भी हो सकता है
धन्यवाद
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