उत्तराखण्ड आयुष नीति-2023
उत्तराखण्ड सरकार ने हाल ही में उत्तराखण्ड आयुष नीति-2023 को प्राथमिक स्तर पर प्राख्यापित किया है। यह नीति परंपरागत और आधुनिक आयुर्वेद, योग, नाटुरोपैथी, यूनानी, और सिद्ध चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए निर्मित की गई है। इस नीति के माध्यम से, उत्तराखण्ड सरकार ने राज्य के आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी, नाटुरोपैथी, और सिद्ध चिकित्सा क्षेत्र में विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
यह नीति क्या है?
उत्तराखण्ड आयुष नीति-2023 एक अद्वितीय पहल है जो राज्य के आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, नाटुरोपैथी, और सिद्ध चिकित्सा क्षेत्रों को समृद्धि से भरने का उद्देश्य रखती है। इस नीति के तहत, सरकार ने अनेक योजनाओं और उपायों का निर्धारण किया है जो इन चिकित्सा पद्धतियों के प्रचार-प्रसार और विकास को बढ़ावा देंगे। यह नीति राज्य में आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी, नाटुरोपैथी, और सिद्ध चिकित्सा के क्षेत्र में वृद्धि के लिए नई दिशाएँ स्थापित करेगी।
मुख्य विशेषताएँ
1. आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्रों का विस्तार:
नीति के अनुसार, राज्य में आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्रों का विस्तार किया जाएगा। इससे रोगियों को आधुनिक चिकित्सा सेवाएं प्राप्त करने का अधिक अवसर मिलेगा।
2. चिकित्सा परीक्षण केंद्रों की स्थापना:
नीति के अनुसार, राज्य में चिकित्सा परीक्षण केंद्रों की स्थापना की जाएगी जो विभिन्न रोगों के लिए नि:शुल्क चिकित्सा परीक्षण प्रदान करेंगे।
3. औषधीय पौधों के विकास:
नीति के अनुसार, राज्य में औषधीय पौधों के विकास के लिए विशेष प्रोग्राम चलाए जाएंगे। इससे औषधीय पौधों की प्रकृतिक संख्या में वृद्धि होगी और इस्तेमाल की जाने वाली औषधियों की उपलब्धता में सुधार होगा।
नीति का उद्देश्य
उत्तराखण्ड आयुष नीति-2023 का मुख्य उद्देश्य राज्य के आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी, नाटुरोपैथी, और सिद्ध चिकित्सा क्षेत्रों को समृद्धि से भरना है। इसके माध्यम से, राज्य सरकार चिकित्सा सेवाओं को पहुंचने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है।
नीति के प्रमुख लाभ
1. सार्वजनिक स्वास्थ्य की बेहतर सेवा:
यह नीति सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर सेवाओं की प्रदान करने का माध्यम है। इससे रोगियों को उच्च-तकनीकी और प्रभावी चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त होंगी।
2. चिकित्सा परीक्षण की सुविधा:
नीति के अनुसार, राज्य में नि:शुल्क चिकित्सा परीक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यह गरीब और जरूरतमंद लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने में मदद करेगा।
3. परंपरागत चिकित्सा की संरक्षण:
नीति के तहत, परंपरागत चिकित्सा को बचाव करने और बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह विभिन्न समुदायों के लोकल और परंपरागत उपचारों को बचाने और संवर्धन करने में मदद करेगा।
नीति का सारांश
उत्तराखण्ड आयुष नीति-2023 राज्य के चिकित्सा क्षेत्र में विकास की नई दिशाएँ स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से, सरकार ने राज्य के आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, नाटुरोपैथी, और सिद्ध चिकित्सा क्षेत्रों में सुधार की दिशा में कदम उठाया है। इससे राज्य के नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिलेगा और चिकित्सा क्षेत्र में विकास की राह प्रशस्त होगी।
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